मैं क्या करता---? मैं तख्तो ताज बेच आया हूँ हुनर के सारे साज बेच आया हूँ। मैं क्या करता---? मैं तख्तो ताज बेच आया हूँ हुनर के सारे साज बेच आया हूँ।
मैं कहाँ जाता और क्या करता अपने जमीर की आसक्ति बेच आया हूँ । मैं कहाँ जाता और क्या करता अपने जमीर की आसक्ति बेच आया हूँ ।
आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये। आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये।
निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है ! निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है !
शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे ! शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे !
बारह प्रतिद्वंद्वियों के बीच खेले जाने वाला, शुरू हो चुका महाकुंभ है। बारह प्रतिद्वंद्वियों के बीच खेले जाने वाला, शुरू हो चुका महाकुंभ है।